UP Board Marksheet Correction : upmsp.edu.in बोर्ड के मार्कशीट में जन्मतिथि अपडेट कराना, बदल दिए गए नियम
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Secondary Education Board) में त्रुटिपूर्ण अंक पत्रों व प्रमाण पत्रों (Marksheet and Certificate) में संशोधन कराना अब आसान नहीं है। कोई चाहें कि एक दिन या एक हफ्ते में संशोधन कराकर प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें तो यह भी संभव नहीं है। क्योंकि यहां की संशोधन प्रक्रिया काफी जटिल है। जन्मतिथि (DOB) में संशोधन कराना तो और जटिल है।
प्रमाण पत्रों (Marksheet and Certificate) में संशोधन कराना
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Secondary Education Board) में त्रुटिपूर्ण अंक पत्रों व प्रमाण पत्रों (Marksheet and Certificate) में संशोधन कराना अब आसान नहीं है। कोई चाहें कि एक दिन या एक हफ्ते में संशोधन कराकर प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें तो यह भी संभव नहीं है। क्योंकि यहां की संशोधन प्रक्रिया काफी जटिल है। जन्मतिथि (DOB) में संशोधन कराना तो और जटिल है।
हाई स्कूल (High School) की परीक्षा पास करने के तीन साल के अंदर यदि जन्मतिथि में संशोधन (DOB Correction) के लिए आवेदन नहीं किया गया तो संशोधन नहीं होगा। इसके लिए आप चाहें जितना कोशिश क्यों न कर ले। यदि तीन साल के अंदर संशोधन के लिए आवेदन कर दिया गया है, तो संशोधन हो जाएगा। यदि संशोधन करने में बोर्ड द्वारा विलंब किया जाता है तो उसके लिए वह स्वयं उत्तरदाई होगा। उसे नियमत संशोधन करना होगा, चाहे उसमें समय अधिक ही क्यों न लगे।
हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट में छात्र के नाम, उसके माता-पिता के नाम, नाम में वर्तनी त्रुटि, सेक्स कोड और कुमारी या श्रीमती में संशोधन की प्रक्रिया जन्मतिथि से सरल है। इसमें संशोधन के लिए तीन साल का सख्त प्रतिबंध नहीं है। उसके बाद भी रजिस्टर्ड डाक से आवेदन भेज कर संशोधन करा सकते हैं। संशोधन के लिए बोर्ड की नियमावली बनी हुई है लेकिन उसके प्राविधानों की सही जानकारी प्रधानाचार्यों, छात्रों, अभिभावकों और डीआईओएस कार्यालय के सहायकों को नहीं है।
UP Board Marksheet Correction संशोधन
जानकारी नहीं होने के कारण वे अपने स्तर से छात्रों को सही सलाह नहीं दे पाते हैं। जबकि संशोधन के लिए आवेदन की प्रक्रिया विद्यालय से ही शुरू होती है। प्रधानाचार्य टीसी और अपनी आख्या देता है। टीसी काउंटर साइन के लिए डीआइओएस के पास जाती है। इसके उपरांत प्रधानाचार्य या छात्र आवेदन बोर्ड कों भेजते है। जन्मतिथि के प्रकरण में टीसी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और हाईस्कूल तीनों से लेनी पड़ती है।
छात्रों द्वारा संशोधन का आवेदन तो किया जाता है लेकिन अधिकांश में आधे अधूरे कागजात लगें ही बोर्ड को प्राप्त होते हैं। उसे मंगाने और पूर्ण कराने में बोर्ड को महीनों लग जाते हैं। प्रमाण पत्र जारी करने में इसी से देरी होती है। माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी के उप सचिव राम अवतार यादव ने बताया कि माता, पिता के पूर्ण नाम परिवर्तन की स्थिति में छात्र को जो महत्वपूर्ण कागजात उपलब्ध कराने होते हैं उनमें प्राइमरी, मिडिल व हाई स्कूल के दाखिला रजिस्टर की मौके पर जांच कराना, इस तीनों कक्षाओं की काउंटर साइन टीसी, संशोधन वाले प्रमाण पत्र की मूल प्रति, इंटर की छायाप्रति, कक्षा नौ या ग्यारह के पंजीकरण की प्रमाणित प्रति, प्रवेश आवेदन फार्म की प्रमाणित छायाप्रति, परिवार रजिस्टर की नकल और आधार कार्ड देना होता है।
इनमें से जो कागजात पहले से जमा किया गया है, उसे छोड़कर शेष जमा करना अनिवार्य होगा, तभी उस प्रकरण का निस्तारण किया जा सकेगा। जन्मतिथि के प्रकरण में उपरोक्त कागजातों के साथ साथ डीआईओएस की आख्या, प्रधानाचार्य का घोषणा अनुबंध पत्र और निर्धारित प्रारूप पर शपथ पत्र देना अनिवार्य होता है।
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